सूरह अस साफ़्फ़ात हिंदी में | Surat As-Saffaat in Hindi
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
- वस्साफ़्फ़ाति सफ़्फ़ा
(इबादत या जिहाद में) पर बाँधने वालों की (क़सम)। - फ़ज़्ज़ाजिराति ज़ज्रा
फिर (बदों को बुराई से) झिड़क कर डाँटने वाले की (क़सम)। - फ़त्तालियाति ज़िक्रा
फिर कु़रान पढ़ने वालों की क़सम है। - इन्-न इला-हकुम् लवाहिद्
तुम्हारा माबूद (यक़ीनी) एक ही है। - रब्बुस्समावाति वल्अर्ज़ि व मा बैनहुमा व रब्बुल – मशारिक़
जो सारे आसमान ज़मीन का और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है (सबका) परवरदिगार है। - इन्ना ज़य्यन्नस्समा-अद्-दुन्या बिज़ी-नति-निल्-कवाकिब
और (चाँद सूरज तारे के) तुलूउ व (गु़रूब) के मक़ामात का भी मालिक है हम ही ने नीचे वाले आसमान को तारों की आरइश (जगमगाहट) से आरास्ता किया। - व हिफ़्ज़म् मिन् कुल्लि शैतानिम्-मारिद
और (तारों को) हर सरकश शैतान से हिफ़ाज़त के वास्ते (भी पैदा किया)। - ला यस्सम्मअू-न इलल् म-लइल्-अअ्ला व युक़्ज़फ़ू-न मिन् कुल्लि जानिब
कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन गुन लेना चाहा तो) हर तरफ़ से खदेड़ने के लिए शहाब फेके जाते हैं। - दुहूरंव्-व लहुम् अ़ज़ाबुंवू-वासिब्
और उनके लिए पाएदार अज़ाब है। - इल्ला मन् ख़तिफ़ल्-ख़त्फ़-त फ़-अत्ब-अ़हू शिहाबुन् साक़िब
मगर जो (शैतान शाज़ व नादिर फरिश्तों की) कोई बात उचक ले भागता है तो आग का दहकता हुआ तीर उसका पीछा करता है। - फ़स्तफ़्तिहिम् अ-हुम् अशद्-दु ख़ल्कन् अम्मन् ख़लक़्ना, इन्ना ख़लक़्नाहुम् मिन् तीनिल्-लाज़िब
तो (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि उनका पैदा करना ज़्यादा दुश्वार है या उन (मज़कूरा) चीज़ों का जिनको हमने पैदा किया हमने तो उन लोगों को लसदार मिट्टी से पैदा किया। - बल् अ़जिब्-त व यस्ख़रून
बल्कि तुम (उन कुफ़्फ़ार के इन्कार पर) ताज्जुब करते हो और वह लोग (तुमसे) मसख़रापन करते हैं। - व इज़ा ज़ुक्किरू ला यज़्कुरून
और जब उन्हें समझाया जाता है तो समझते नहीं हैं। - व इज़ा रऔ आ-यतंय्-यस्तस्ख़िरून
और जब किसी मौजिजे़ को देखते हैं तो (उससे) मसख़रापन करते हैं। - व क़ालू इन् हाज़ा इल्ला सिह् रुम्-मुबीन
और कहते हैं कि ये तो बस खुला हुआ जादू है। - अ-इज़ा मित्ना व कुन्ना तुराबंवू-व अिज़ामन् अ-इन्ना लमब्अूसून
भला जब हम मर जाएँगे और ख़ाक और हड्डियाँ रह जाएँगे। - अ-व आबा-उनल्-अव्वलून
तो क्या हम या हमारे अगले बाप दादा फिर दोबारा क़ब्रों से उठा खड़े किए जाँएगे। - क़ुल् न-अ़म् व अन्तुम् दाख़िरून
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि हाँ (ज़रूर उठाए जाओगे)। - फ़-इन्नमा हि-य ज़ज्-रतुंव्-वाहि-दतुन् फ़-इज़ा हुम् यन्ज़ुरून
और तुम ज़लील होगे और वह (क़यामत) तो एक ललकार होगी फिर तो वह लोग फ़ौरन ही (आँखे फाड़-फाड़ के) देखने लगेंगे। - व क़ालू या वै-लना हाज़ा यौमुद्दीन
और कहेंगे हाए अफसोस ये तो क़यामत का दिन है। - हाज़ा यौमुल्-फ़स्लिल्लज़ी कुन्तुम् बिही तुकज्ज़िबून
(जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते थे। - उह्शुरुल्लज़ी-न ज़-लमू व अज़्वा-जहुम् व मा कानू यअ्बुदून
(और फ़रिश्तों को हुक्म होगा कि) जो लोग (दुनिया में) सरकशी करते थे उनको और उनके साथियों को और अल्लाह को छोड़कर जिनकी परसतिश करते हैं। - मिन् दूनिल्लाहि फ़ह्दुहुम् इला सिरातिल्-जहीम
उनको (सबको) इकट्ठा करो फिर उन्हें जहन्नुम की राह दिखाओ। - वक़िफ़ूहुम् इन्नहुम् मस्अलून
और (हाँ ज़रा) उन्हें ठहराओ तो उनसे कुछ पूछना है। - मा लकुम् ला तना-सरून
(अरे कमबख़्तों) अब तुम्हें क्या होगा कि एक दूसरे की मदद नहीं करते।
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