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Toggleसूरह अस साफ़्फ़ात हिंदी में | Surat As-Saffaat in Hindi
- बल् हुमुल्-यौ-म मुस्तस्लिमून
(जवाब क्या देंगे) बल्कि वह तो आज गर्दन झुकाए हुए हैं। - व अक़्ब-ल बअ्ज़ुहुम् अ़ला बअ्ज़िंय्-य-तसा-अलून
और एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे होकर बाहम पूछताछ करेंगे। - क़ालू इन्नकुम् कुन्तुम् तअ्तु-नना अ़निल्-यमीन
(और इन्सान शयातीन से) कहेंगे कि तुम ही तो हमारी दाहिनी तरफ से (हमें बहकाने को) चढ़ आते थे। - क़ालू बल्-लम् तकूनू मुअ्मिनीन
वह जवाब देगें (हम क्या जानें) तुम तो खु़द ईमान लाने वाले न थे। - व मा का-न लना अ़लैकुम् मिन् सुल्तानिन् बल् कुन्तुम् क़ौमन् ताग़ीन
और (साफ़ तो ये है कि) हमारी तुम पर कुछ हुकूमत तो थी नहीं बल्कि तुम खु़द सरकश लोग थे। - फ़-हक़् क़ अ़लैना क़ौलु रब्बिना इन्ना लज़ा-इक़ून
फिर अब तो लोगों पर हमारे परवरदिगार का (अज़ाब का) क़ौल पूरा हो गया कि अब हम सब यक़ीनन अज़ाब का मज़ा चखेंगे। - फ़-अ़ग्वैनाकुम् इन्ना कुन्ना ग़ावीन
हम खु़द गुमराह थे तो तुम को भी गुमराह किया। - फ़-इन्नहुम् यौमइज़िन् फ़िल्-अ़ज़ाबि मुश्तरिकून
ग़रज़ ये लोग सब के सब उस दिन अज़ाब में शरीक होगें। - इन्ना कज़ालि-क नफ़्अ़लु बिल्-मुज्रिमीन
और हम तो गुनाहगारों के साथ यूँ ही किया करते हैं ये लोग ऐसे (शरीर) थे। - इन्नहुम् कानू इज़ा क़ी-ल लहुम् ला इला-ह इल्लल्लाहु यस्तक्बिरून
कि जब उनसे कहा जाता था कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं तो अकड़ा करते थे। - व यक़ूलू-न अ-इन्ना लतारिकू आलि-हतिना लिशाअिरिम्-मज्नून
और ये लोग कहते थे कि क्या एक पागल शायर के लिए हम अपने माबूदों को छोड़ बैठें (अरे कम्बख्तों ये शायर या पागल नहीं)। - व यक़ूलू-न अ-इन्ना लतारिकू आलि-हतिना लिशाअिरिम्-मज्नून
बल्कि ये तो हक़ बात लेकर आया है और (अगले) पैग़म्बरों की तसदीक़ करता है। - इन्नकुम् लज़ा-इक़ुल् अ़ज़ाबिल्-अलीम
तुम लोग (अगर न मानोगे) तो ज़रूर दर्दनाक अज़ाब का मज़ा चखोगे। - व मा तुज्ज़ौ-न इल्ला मा कुन्तुम् तअ्मलून
और तुम्हें तो उसके किये का बदला दिया जाएगा जो (जो दुनिया में) करते रहे। - इल्ला अिबादल्लाहिल्-मुख़्लसीन
मगर अल्लाह के बरगुजीदा बन्दे। - इल्ला अिबादल्लाहिल्-मुख़्लसीन
उनके वास्ते (बहिश्त में) एक मुक़र्रर रोज़ी होगी। - फ़वाकिहु व हुम् मुक्रमून
(और वह भी ऐसी वैसी नहीं) हर कि़स्म के मेवे। - फ़ी जन्नातिन्-नईम
और वह लोग बड़ी इज़्ज़त से नेअमत के (लदे हुए)। - अ़ला सुरुरिम् मु-तक़ाबिलीन
बाग़ों में तख़्तों पर (चैन से) आमने सामने बैठे होगे। - युताफ़ु अ़लैहिम् बिकअ्सिम् मिम्-मईन
उनमें साफ सफेद बुर्राक़ शराब के जाम का दौर चल रहा होगा। - बैज़ा-अ लज़्ज़तिल्-लिश्शारिबीन
जो पीने वालों को बड़ा मज़ा देगी। - ला फ़ीहा ग़ौलुंव्-व ला हुम् अ़न्हा युन्ज़फ़ून
(और फिर) न उस शराब में ख़ु़मार की वजह से) दर्द सर होगा और न वह उस (के पीने) से मतवाले होंगे। - व अिन्-दहुम् क़ासिरातुत्-तर्-फ़ि ईन
और उनके पहलू में (शर्म से) नीची निगाहें करने वाली बड़ी बड़ी आँखों वाली परियाँ होगी। - क- अन्नहुन्-न बैज़ुम्-मक्नून
(उनकी) गोरी-गोरी रंगतों में हल्की सी सुर्खी ऐसी झलकती होगी। - फ़-अक़्ब-ल बअ्ज़ुहुम् अ़ला बअ्ज़िंय्-य-तसा-अलून
गोया वह अन्डे हैं जो छिपाए हुए रखे हो।
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