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Toggleसूरह अस साफ़्फ़ात हिंदी में | Surat As-Saffaat in Hindi
- क़ा-ल क़ाइलुम्-मिन्हुम् इन्नी का-न ली क़रीन
फिर एक दूसरे की तरफ मुतावज्जे पाकर बाहम बातचीत करते करते उनमें से एक कहने वाला बोल उठेगा कि (दुनिया में) मेरा एक दोस्त था। - यक़ूलु अ-इन्न-क लमिनल्-मुसद्दिक़ीन
और (मुझसे) कहा करता था कि क्या तुम भी क़यामत की तसदीक़ करने वालों में हो। - अ-इज़ा मित्ना व कुन्ना तुराबंव्-व अिज़ामन् अ-इन्ना ल-मदीनून
(भला जब हम मर जाएँगे) और (सड़ गल कर) मिट्टी और हड्डी (होकर) रह जाएँगे तो क्या हमको दोबारा जि़न्दा करके हमारे (आमाल का) बदला दिया जाएगा। - क़ा-ल हल् अन्तुम् मुत्तलिअून
(फिर अपने बेहश्त के साथियों से कहेगा)। - फ़त्त-ल-अ़ फ़-रआहु फ़ी सवाइल्-जहीम
तो क्या तुम लोग भी (मेरे साथ उसे झांक कर देखोगे) ग़रज़ झाँका तो उसे बीच जहन्नुम में (पड़ा हुआ) देखा। - का-ल तल्लाहि इन् कित्-त ल-तुर्दीन
(ये देख कर बेसाख्त) बोल उठेगा कि अल्लाह की क़सम तुम तो मुझे भी तबाह करने ही को थे। - व लौ ला निअ्मतु रब्बी लकुन्तु मिनल-मुह्ज़रीन
और अगर मेरे परवरदिगार का एहसान न होता तो मैं भी (इस वक़्त) तेरी तरह जहन्नुम में गिरफ़्तार किया गया होता। - अ-फ़मा नह्नु बिमय्यितीन
(अब बताओ) क्या (मैं तुम से न कहता था) कि हम को इस पहली मौत के सिवा फिर मरना नहीं है। - इल्ला मौत-तनल्-ऊला व मा नह्नु बिमुअ़ज़्ज़बीन
और न हम पर (आख़ेरत) में अज़ाब होगा। - इन्-न हाज़ा ल-हुवल् फ़ौज़ुल्-अ़ज़ीम
(तो तुम्हें यक़ीन न होता था) ये यक़ीनी बहुत बड़ी कामयाबी है। - लिमिस्लि हाज़ा फ़ल्यअ्मलिल्-आ़मिलून
ऐसी (ही कामयाबी) के वास्ते काम करने वालों को कारगुज़ारी करनी चाहिए। - अ-ज़ालि-क ख़ैरुन् नुज़ुलन् अम् श-ज-रतुज़् ज़क़्कूम
भला मेहमानी के वास्ते ये (सामान) बेहतर है या थोहड़ का दरख़्त (जो जहन्नुमियों के वास्ते होगा)। - इन्ना जअ्ल्नाहा फ़ित्-नतल् लिज़्ज़ालिमीन
जिसे हमने यक़ीनन ज़ालिमों की आज़माइश के लिए बनाया है। - इन्नहा श-ज-रतुन् तख़्रुजु फ़ी अस्लिल्-ज़हीम
ये वह दरख़्त हैं जो जहन्नुम की तह में उगता है। - तल्अुहा क-अन्नहू रुऊसुश्-शयातीन
उसके फल ऐसे (बदनुमा) हैं गोया (हू बहू) साँप के फन जिसे छूते दिल डरे। - फ़-इन्नहुम् ल-आकिलू-न मिन्हा फ़-मालिऊ-न मिन्हल्-बुतून
फिर ये (जहन्नुमी लोग) यक़ीनन उसमें से खाएँगे फिर उसी से अपने पेट भरेंगे। - फ़-इन्नहुम् ल-आकिलू-न मिन्हा फ़-मालिऊ-न मिन्हल्-बुतून
फिर उसके ऊपर से उन को खू़ब खौलता हुआ पानी (पीप वग़ैरह में) मिला मिलाकर पीने को दिया जाएगा। - सुम्-म इन्-न मर्जि-अ़हुम् ल-इलल्-जहीम
फिर (खा पीकर) उनको जहन्नुम की तरफ यक़ीनन लौट जाना होगा। - इन्नहुम् अल्फ़ौ आबा-अहुम् ज़ाल्लीन
उन लोगों ने अपन बाप दादा को गुमराह पाया था। - फ़हुम् अ़ला आसारिहिम् युह्रअून
ये लोग भी उनके पीछे दौड़े चले जा रहे हैं। - व ल-क़दू ज़ल्-ल क़ब्लहुम् अक्सरुल्-अव्वलीन
और उनके क़ब्ल अगलों में से बहुतेरे गुमराह हो चुके। - व ल-क़द् अर्सल्ना फ़ीहिम् मुन्ज़िरीन
उन लोगों के डराने वाले (पैग़म्बरों) को भेजा था। - फ़न्ज़ुर् कै-फ़ का-न आ़क़ि-बतुल्- मुन्ज़रीन
ज़रा देखो तो कि जो लोग डराए जा चुके थे उनका क्या बुरा अन्जाम हुआ। - इल्ला अिबादल्लाहिल्-मुख़्लसीन
मगर (हाँ) अल्लाह के निरे खरे बन्दे (महफूज़ रहे)। - व ल-क़द् नादाना नूहुन् फ़-लनिअ्मल्-मुजीबून
और नूह ने (अपनी कौ़म से मायूस होकर) हमें ज़रूर पुकारा था (देखो हम) क्या खू़ब जवाब देने वाले थे।
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