सूरह अल-गाशियह कुरान के 30वें पारा में 88वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है। इस सूरह मे कुल 26 आयतें हैं। इस सूरह का नाम पहली ही आयत के शब्द “अल्-गाशियह” (छा जाने वाली) से दिया गया है।
सूरह अल-गाशियह हिंदी में | Surah Al Ghashiyah in Hindi
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
हल अताक हदीसुल ग़ाशियह भला तुमको ढाँप लेने वाली मुसीबत (क़यामत) का हाल मालुम हुआ है।
वुजूहुय यौ मइजिन ख़ाशिअह बहुत से चेहरे उस दिन उतरे हुए होंगें।
आमिलतुन नासिबह मुसीबत के मारे, और थके मांदे होंगें।
तस्ला नारन हामियह जो दहकती हुई आग में दाख़िल होंगे।
तुस्क़ा मिन ऐनिन आनियह उनको एक खौलते हुए चश्मे का पानी पिलाया जायेगा।
लैस लहुम तआमुन इल्ला मिन दरीअ उनके लिए कांटेदार झाड़ के सिवा और कोई खाना नहीं होगा।
ला युस्मिनु वला युग्नी मिन जूअ जो न जिस्म का वज़न बढ़ाएगा और न ही भूक मिटाएगा।
वुजूहुय यौम इजिन नाइमह उस दिन बहुत से चेहरे तरोताज़ा होंगे।
लि सअ’यिहा रादियह (दुनिया में) अपने किये हुए प्रयास से ख़ुश होंगे।
फ़ी जन्नतिन आलियह आलीशान स्वर्ग में होंगे।
ला तसमउ फ़ीहा ला गियह जिसमें वो कोई बकवास बात नहीं सुनेंगे।
फ़ीहा ऐनुन जारियह उस जन्नत में बहता जल स्रोत होंगे।