सूरह अश-शम्स हिंदी में
अऊजुबिल्लाहिमिनशशैतानिररजीम
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
- वश शम्सि व दुहाहा
- वल क़मरि इज़ा तलाहा
- वन नहारि इज़ा जल लाहा
- वल शम्सि इज़ा यगशाहा
- वस समाइ वमा बानाहा
- वल अरदि वमा तहाहा
- व नफ्सिव वमा सव वाहा
- फ़ अल्हमाहा फुजूरहा व तक्वाहा
- क़द अफ्लहा मन ज़क्काहा
- वक़द खाबमन दस्साहा
- कज्ज़बत समूदु बितग वाहा
- इज़िम बअसा अश क़ाहा
- फ़ क़ाल लहुम रसूलुल लाहि नाक़तल लाहि व सुक्याहा
- फ़ कज्ज़बूहु फ़ अक़रूहा फ़दमदमा अलैहिम रब्बुहुम बिज़म बिहिम फ़सव्वाहा
- वला यख़ाफु उक्बाहा
सूरह अश-शम्स वीडियो
सूरह अश-शम्स तर्जुमे हिंदी में
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।
- वश शम्सि व दुहाहा
क़सम है सूरज की और उसकी रौशनी की। - वल क़मरि इज़ा तलाहा
और चाँद की जब वो सूरज के पीछे आये। - वन नहारि इज़ा जल लाहा
दिन की जब सूरज को ख़ूब रौशन कर दे। - वल शम्सि इज़ा यगशाहा
रात की जब वो सूरज को छिपा ले। - वस समाइ वमा बानाहा
आसमान की और उसके बनाने वाले की। - वल अरदि वमा तहाहा
ज़मीन और उसके बनाने वाले की। - व नफ्सिव वमा सव वाहा
और इन्सान की जान की और उस ज़ात की जिस ने उसको ठीक ठीक बनाया। - फ़ अल्हमाहा फुजूरहा व तक्वाहा
फिर उसको उसकी बद्किरदारी और परहेज़गारी समझा दी। - क़द अफ्लहा मन ज़क्काहा
यक़ीनन जिस ने नफ्स को संवार लिया। - वक़द खाबमन दस्साहा
और जिस ने उसको ख़ाक में मिला दिया (यानि अपनी ख्वाहिशात का गुलाम बना रहा) वह घटे में रहा। - कज्ज़बत समूदु बितग वाहा
समूद ने तो अपनी सरकशी की वजह से (पैग़म्बर) को झुटला दिया। - इज़िम बअसा अश क़ाहा
जब उनका सब से बदतरीन शख्स उठ खड़ा हुआ। - फ़ क़ाल लहुम रसूलुल लाहि नाक़तल लाहि व सुक्याहा
तो अल्लाह के पैग़म्बर ने उन से कहा : ख़बरदार ! अल्लाह की ऊंटनी का और उसके पानी पीने का पूरा ख़याल रखना। - फ़ कज्ज़बूहु फ़ अक़रूहा फ़दमदमा अलैहिम रब्बुहुम बिज़म बिहिम फ़सव्वाहा
फिर भी उन लोगों ने पैग़म्बर को झुटलाया, और उस ऊंटनी को मार डाला, तो उन के परवरदिगार ने उन के गुनाहों की पादाश में उन पर अपना अज़ाब नाज़िल कर दिया चुनांचे सब को मलियामेट कर के रख दिया। - वला यख़ाफु उक्बाहा
और अल्लाह को उसके किसी बुरे अंजाम का कोई खौफ़ नहीं है।
सूरह अश-शम्स उर्दू तर्जुमे के साथ
सूरह अश-शम्स उर्दू तर्जुमे के साथ



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