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Toggle77 सूरह अल-मुर्सलात | Surah Al-Mursalat
सूरह अल-मुर्सलात का मतलब “भेजी जाने बालियाँ” होता है। सूरह मुर्सलात कुरान के 29वें पारा में 77वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है। सूरह मुर्सलात में कुल 50 आयत और कुल 2 रुकू है। सूरह का विषय पुनरुत्थान और उसके बाद की पुष्टि करना है, और लोगों को उन परिणामों से आगाह करना है जो अंततः इन सच्चाइयों के इनकार और पुष्टि का पालन करेंगे ।
सूरह अल-मुर्सलात हिंदी में | Surah Al-Mursalat in Hindi
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
- वल मुर्सलाती उर्फा
हवाओं की क़सम जो (पहले) धीमी चलती हैं। - फल आसिफाती अस्फा
फिर वे तूफ़ानी रफ़्तार से चलती हैं। - वन नाशिराती नश्फा
और बादलों को उठाकर फैलाती हैं। - फल फारिक़ाति फरक़ा
फिर (उनको) फाड़ कर जुदा कर देती हैं। - फल मुल्कियाती ज़िकरा
फिर फरिश्तों की क़सम जो वही लाते हैं। - उजरन औ नुजरा
क्षमा के लिए अथवा चेतावनी के लिए! (अर्थात ईमान लाने वालों के लिये क्षमा का वचन तथा काफ़िरों के लिये यातना की सूचना लाते हैं।) - इन्नमा तू अदूना लौ किअ्
जो वादा तुमसे किया जा रहा है वह निश्चिय ही घटित होकर रहेगा। - फ इजन नुजूमु तुमिसत
पस जब सितारे प्रकाशहीन हो जाऐँगे। - व इजस समाऊ फुरिजत
और जब आसमान फट जाएगा। - व इजल जिबालू नुसिफत
और जब पहाड़ चूर-चूर कर दिए जाएंगे। - व इज़र रुसुलु उक्कितत
और जब पैग़म्बर निश्चित वक़्त पर जमा किए जाएंगे। (उन के तथा उन के समुदायों के बीच निर्णय करने के लिये। और रसूल गवाही देंगे।) - लि अइ इ यौमिन उज्जिलत
किस दिन के लिए इसे निलम्बित रखा गया है? - लि यौमिल फस् ल
फ़ैसले के दिन के लिए। - वमा अदरा क मा यौमुल फस् ल
और तुम्हें क्या ख़बर कि फ़ैसले का दिन क्या है। - वैलुयि यौमाइजिल लिल्मुकज्जिबीन
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए। - अलम नुह लिकिल औलीन
क्या हमने अगलों को हलाक नहीं किया। - सुम्मा नुत्बि उहुमुल आखिरीन
फिर हम उनके पीछे भेजते हैं पिछलों को। - कजालिका नफ़ अलु बिल मुजरिमीन
हम अपराधियों के साथ ऐसा ही करते हैं। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए। - अलम नख्लुक्कुम मिम् मा इम महीन
क्या हमने तुम्हें एक तुच्छ पानी(वीर्य) से पैदा नहीं किया? - फजा अल्नाहु फी क़रारिम मकीन
फिर उसे एक महफ़ूज़ जगह रखा, एक निश्चित अवधि तक। (अर्थात गर्भ की अवधि तक) - इला क द रिम मअ् लूम
एक निश्चित अवधि तक।(अर्थात गर्भ की अवधि तक) - फ कदरना फनिमअ् मल क़ादिरून
फिर हमने एक अंदाज़ा ठहराया, हम कैसा अच्छा अंदाज़ा ठहराने वाले हैं। (अर्थात उसे पैदा करने पर) - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
तबाही है उस दिन झुठलाने वालों की। - अलम नज् अलिल अरजा किफाता
क्या हमने ज़मीन को समेटने वाला नहीं बनाया, - अह् या औं व अम्वाता
ज़िंदों के लिए और मुर्दों के लिए। - व जअलना फीहा रवासिया शामि खातिन व अस् कैनाकुम मा अन फुरता
और उसमें ऊँचे ऊँचे अटल पहाड़ रख दिए,और तुम लोगों को मीठा पानी पिलाया - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की। - इन् त्वालिकू इला मा कुंतुम बिही तुकज्जिबून
चलो उस चीज़ की तरफ़ जिसे तुम झुठलाते थे। - इन् त्वालिकू इला जिल्लिन ज़ी सलासी शुअब
चलो तीन शाख़ों वाले साये की तरफ़। - ला ज़लीलिऔं वला युगनी मिनल लहब
जिसमें न साया है और न वह गर्मी से बचाता है। - इन्नहा तर्मी बि शरारिन कल क़स्र
उससे इतने बड़े बड़े अंगारे बरसते होंगे जैसे महल। - क अन्नहु जमालतुन सुफ्र
गोया पीले रंग के ऊँट हैं। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों की! - हाजा यौमु ला यन त्विकून
ये वह दिन होगा कि लोग लब तक न हिला सकेंगे, - वला युअ् जनु लहुम फ यअ् तजिरून
और न उन्हें अनुमति दी जायेगी कि वे बहाने बना सकें। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों की। - हाजा यौमुल फसलि जमअ्’नाकुम वल अव्वलीन
यही फैसले का दिन है, (जिस में) हमने तुमको और अगलों को इकट्ठा किया है। - फ इन का न लकुम कैदुन फ कीदून
अब यदि तुम्हारे पास कोई चाल है तो मेरे विरुद्ध चलो। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए। - इन्नल मुत्तक़ीना फी जिलालिऔं व उयून
बेशक आज्ञाकारी लोग (दरख्तों की) घनी छाँव में होंगे। - व फवाकिहा मिम्मा यश् तहून
तथा मन चाहे फलों में। - कुलू वश’रबू हनी’ अम बिमा कुंतुम तअ्’मलून
खाओ-पियो मज़े से, उन कर्मों के बदले में जो तुम करते रहे हो। - इन्ना कज़ालिका नज्ज़िल मुह्’सिनीन
हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला देते हैं। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए। - कुलू व तमत्’तऊ क़ुलीलन इन्नाकुम मुजरिमून
(झुठलाने वालों) कुछ दिन चैन से खा पी लो तुम बेशक अपराधी हो। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठटलाने वालों के लिए। - व इज़ा क़ीला लहुमुर कऊ ला यर क ऊन
और जब उनसे कहा जाता है कि झुको! तो वे नहीं झुकते। - वैलुयी यौमा इजिल लिल मुकज्ज़िबीन
ख़राबी है उस दिन झुठलाने वालों के लिए! - फ बि अय्यि हदीसिम बअ्’दहू युअ्मिनून
अब इसके बाद वे किस बात पर ईमान लाएंगे। (पारा 29 समाप्त)
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