सूरह अल-क़ियामह हिंदी में
अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- ला उक्सिमु बि यौमिल क़ियामह
- वला उक्सिमु बिन्नफ्सिल लौ वामह
- अ यह्सबुल इंसानु अल्लन नज’म अ अिजामह
- बला क़ादिरीना अला अन नु स्वविया बनानह
- बल युरीदुल इंसानु लियफ्जुरा अमामह
- यस’अलु अयैया’न यौमुल क़ियामह
- फ इज़ा बरिक़ल बसर
- व ख़सफल क़मर
- व जुमिअश् शम्सु वल क़मर
- यकूलुल इंसानु यौमा इज़िन अयैनल मफ़र
- कल्ला ला वज़र
- इला रब्बिका यौमा इज़िनिल मुस्तक़र
- युनब्बाउल इंसानु यौमा इज़िम बिमा क़द्दमा व अख्खर
- बलिल इंसानु अला नफ्सिही बसीरह
- वलौ अल्क़ा मआज़ीरह
- ला तुहर्रिक बिही लि सानका लि तअ्जला बिही
- इन्ना अलैना जम् अहू व क़ुरआनह
- फ इजा क़रानाहु फत्तबिअ् क़ुरआनह
- सुम्मा इन्ना अलैना बयानह
- कल्ला बल तुहिब्बूनल आजिलह
- व तज़ारूनल आखिरह
- वुजूहुइ यौमाइजिन नाजिरह
- इला रब्बिहा नाज़िरह
- व वुजूहुइ यौमा इजिम बासिरह
- त’जुन्नु अयै’युफअला बिहा फाक़िरह
- कल्ला इज़ा बलागतित तराक़ी
- व क़ीला मन..राक़
- व जन्ना अन्नहुल फिराक़
- वल तफ्फतिस साकु बिस्साक़
- इला रब्बिका यौमा इजिनिल मसाक़
- फला सद्दक़ा वला सल्ला
- वलाकिन् कज्ज़बा वतावल्ला
- सुम्मा ज़हबा इला अहलिही यता मत्ता
- औला लका फ औला
- सुम्मा औला लका फ औला
- अ यह्सबुल इंसानु अयैयुतरका सुद
- अलम यकु नुत्फतम्म मिम मनियिइ युमना
- सुम्मा काना अलाकतन फ ख ल का फ सव्वा
- फजा अ ला मिन्हुज़ ज़ुजैनिज़ जकारा वल उन्सा
- अलैसा ज़ालिका बि क़ादिरिन अला अय्यियुह’इयल मौता
सूरह अल-क़ियामह वीडियो
सूरह अल-क़ियामह हिंदी में
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रहम करने वाला है।
- ला उक्सिमु बि यौमिल क़ियामह
मैं रोजे क़यामत की क़सम खाता हूँ - वला उक्सिमु बिन्नफ्सिल लौ वामह
(और बुराई से) मलामत करने वाले जी की क़सम खाता हूँ
(कि तुम सब दोबारा ज़रूर ज़िन्दा किए जाओगे) - अ यह्सबुल इंसानु अल्लन नज’म अ अिजामह
क्या इन्सान ये ख्याल करता है (कि हम उसकी हड्डियों को बोसीदा होने के बाद) जमा न करेंगे - बला क़ादिरीना अला अन नु स्वविया बनानह
हाँ (ज़रूर करेंगें) हम इस पर क़ादिर हैं कि हम उसकी पोर पोर दुरूस्त करें - बल युरीदुल इंसानु लियफ्जुरा अमामह
मगर इन्सान तो ये जानता है कि अपने आगे भी (हमेशा) बुराई करता जाए - यस’अलु अयैया’न यौमुल क़ियामह
पूछता है कि क़यामत का दिन कब होगा - फ इज़ा बरिक़ल बसर
तो जब ऑंखे चकाचौन्ध में आ जाएँगी - व ख़सफल क़मर
और चाँद गहन में लग जाएगा - व जुमिअश् शम्सु वल क़मर
और सूरज और चाँद इकट्ठा कर दिए जाएँगे - यकूलुल इंसानु यौमा इज़िन अयैनल मफ़र
तो इन्सान कहेगा आज कहाँ भाग कर जाऊँ - कल्ला ला वज़र
यक़ीन जानों कहीं पनाह नहीं - इला रब्बिका यौमा इज़िनिल मुस्तक़र
उस रोज़ तुम्हारे परवरदिगार ही के पास ठिकाना है - युनब्बाउल इंसानु यौमा इज़िम बिमा क़द्दमा व अख्खर
उस दिन आदमी को जो कुछ उसके आगे पीछे किया है बता दिया जाएगा - बलिल इंसानु अला नफ्सिही बसीरह
चाहे वह कितने ही बहाने पेश करे। - वलौ अल्क़ा मआज़ीरह
बल्कि इन्सान तो अपने ऊपर आप गवाह है - ला तुहर्रिक बिही लि सानका लि तअ्जला बिही
(ऐ रसूल) वही के जल्दी याद करने वास्ते अपनी ज़बान को हरकत न दो - इन्ना अलैना जम् अहू व क़ुरआनह
हमारे ऊपर है उसे जमा करना और उसे सुनाना। - फ इजा क़रानाहु फत्तबिअ् क़ुरआनह
तो जब हम उसको (जिबरील की ज़बानी) पढ़ें तो तुम भी (पूरा) सुनने के बाद इसी तरह पढ़ा करो - सुम्मा इन्ना अलैना बयानह
फिर उस (के मुश्किलात) का समझा देना भी हमारे ज़िम्में है - कल्ला बल तुहिब्बूनल आजिलह
मगर (लोगों) हक़ तो ये है कि तुम लोग दुनिया को दोस्त रखते हो - व तज़ारूनल आखिरह
और आख़ेरत को छोड़े बैठे हो - वुजूहुइ यौमाइजिन नाजिरह
उस रोज़ बहुत से चेहरे तो तरो ताज़ा बशबाब होंगे - इला रब्बिहा नाज़िरह
(और) अपने परवरदिगार (की नेअमत) को देख रहे होंगे - व वुजूहुइ यौमा इजिम बासिरह
और बहुतेरे मुँह उस दिन उदास होंगे - त’जुन्नु अयै’युफअला बिहा फाक़िरह
समझ रहें हैं कि उन पर मुसीबत पड़ने वाली है कि कमर तोड़ देगी - कल्ला इज़ा बलागतित तराक़ी
सुन लो जब जान (बदन से खिंच के) हँसली तक आ पहुँचेगी - व क़ीला मन..राक़
और कहा जाएगा कि (इस वक्त) क़ोई झाड़ फूँक करने वाला है - व जन्ना अन्नहुल फिराक़
और मरने वाले ने समझा कि अब (सबसे) जुदाई है - वल तफ्फतिस साकु बिस्साक़
और (मौत की तकलीफ़ से) पिन्डली से पिन्डली लिपट जाएगी - इला रब्बिका यौमा इजिनिल मसाक़
उस दिन तुमको अपने परवरदिगार की बारगाह में चलना है - फला सद्दक़ा वला सल्ला
तो उसने (ग़फलत में) न (कलामे ख़ुदा की) तसदीक़ की न नमाज़ पढ़ी - वलाकिन् कज्ज़बा वतावल्ला
मगर झुठलाया और (ईमान से) मुँह फेरा - सुम्मा ज़हबा इला अहलिही यता मत्ता
अपने घर की तरफ इतराता हुआ चला - औला लका फ औला
अफसोस है तुझ पर फिर अफसोस है फिर तुफ़ है - सुम्मा औला लका फ औला
तुझ पर फिर तुफ़ है - अ यह्सबुल इंसानु अयैयुतरका सुद
क्या इन्सान ये समझता है कि वह यूँ ही छोड़ दिया जाएगा - अलम यकु नुत्फतम्म मिम मनियिइ युमना
क्या वह (इब्तेदन) मनी का एक क़तरा न था जो रहम में डाली जाती है - सुम्मा काना अलाकतन फ ख ल का फ सव्वा
फिर लोथड़ा हुआ फिर ख़ुदा ने उसे बनाया - फजा अ ला मिन्हुज़ ज़ुजैनिज़ जकारा वल उन्सा
फिर उसे दुरूस्त किया फिर उसकी दो किस्में बनायीं (एक) मर्द और (एक) औरत - अलैसा ज़ालिका बि क़ादिरिन अला अय्यियुह’इयल मौता
क्या इस पर क़ादिर नहीं कि (क़यामत में) मुर्दों को ज़िन्दा कर दे
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