38 सूरह साद हिंदी में पेज 3

सूरह साद हिंदी में | Surat Sad in Hindi

  1. वज़्कुर् अिबा-दना इब्राही-म व इस्हा-क़ व यअ्क़ू-ब उलिल्-ऐदी वल्-अब्सार
    बेशक वह हमारी बारगाह में बड़े झुकने वाले थे और (ऐ रसूल!) हमारे बन्दों में इब्राहीम और इसहाक़ और बेशक वह (हमारी बारगाह में) बड़े झुकने वाले थे। और (ऐ रसूल!) हमारे बन्दों में इब्राहीम और इसहाक़ और याकू़ब को याद करो जो कुवत और बसीरत वाले थे।
  2. इन्ना अख़लस्नाहुम् बिख़ालि-सतिन् ज़िक्रद्दार
    हमने उन लोगों केा एक ख़ास सिफत आख़ेरत की याद से मुमताज़ किया था।
  3. व इन्नहुम् अिन्दना लमिनल् मुस्तफ़ैनल्-अख़्यार
    और इसमें शक नहीं कि ये लोग हमारी बारगाह में बरगुज़ीदा और नेक लोगों में हैं।
  4. वज़्कुर् इस्माई-ल वल्य-स-अ़ व ज़ल्किफ़्लि, व कुल्लुम् मिनल् – अख़्यार
    और (ऐ रसूल) इस्माईल और इलियास और जु़लकिफ़ल को (भी) याद करो और (ये) सब नेक बन्दों में हैं।
  5. हाज़ा ज़िक्रुन्, व इन्-न लिल्-मुत्तक़ी-न लहुस्-न मआब
    ये एक नसीहत है और इसमें शक नहीं कि परहेज़गारों के लिए (आख़ेरत में) यक़ीनी अच्छी आरामगाह है।
  6. जन्नाति अनिम् – मुफत्त-ह- तल् लहुमुल् – अब्वाब
    (यानि) हमेशा रहने के (बेहिश्त के) सदाबहार बाग़ात जिनके दरवाज़े उनके लिए (बराबर) खुले होगें।
  7. मुत्तकिई-न फ़ीहा यद्अू-न फ़ीहा बिफ़ाकि- हतिन् कसी-रतिंव्-व शराब
    और ये लोग वहाँ तकिये लगाए हुए (चैन से बैठे) होगें वहाँ (खु़द्दामे बेहिश्त से) कसरत से मेवे और शराब मँगवाएँगे।
  8. व इन्दिहुम् क़ासिरातुत्तर्फ़ि अत्-राब
    और उनके पहलू में नीची नज़रों वाली (शरमीली) कमसिन बीवियाँ होगी।
  9. हाज़ा मा तू अ़दू-न लियौमिल्-हिसाब
    (मोमिनों) ये वह चीज़ हैं जिनका हिसाब के दिन (क़यामत) के लिए तुमसे वायदा किया जाता है।
  10. इन्-न हाज़ा ल-रिज़्कुना मा लहू मिन्-नफ़ाद
    बेशक ये हमारी (दी हुयी) रोज़ी है जो कभी तमाम न होगी।
  11. हाज़ा व इन्-न लित्ताग़ी-न लशर्-र मआब
    ये परहेज़गारों का (अन्जाम) है और सरकशों का तो यक़ीनी बुरा ठिकाना है।
  12. जहन्न म यस्लौनहा फ़बिअ्सल्-मिहाद
    जहन्नुम जिसमें उनको जाना पड़ेगा तो वह क्या बुरा ठिकाना है।
  13. हाज़ा फ़ल्यज़ूक़ूहु हमीमुंव-व ग़स्साक
    ये खौलता हुआ पानी और पीप और इस तरह अनवा अक़साम की दूसरी चीज़े हैं।
  14. व आ-ख़रु मिन् शक्लिही अज़्वाज
    तो ये लोग उन्हीं पड़े चखा करें (कुछ लोगों के बारे में) बड़ों से कहा जाएगा।
  15. हाज़ा फ़ौजुम्-मुक़्तहिमुम् म-अ़कुम् ला मर्-हबम् बिहिम्, इन्नहुम् सालुन्नार
    ये (तुम्हारी चेलों की) फौज भी तुम्हारे साथ ही ढूँसी जाएगी उनका भला न हो ये सब भी दोज़ख़ को जाने वाले हैं।
  16. क़ालू बल् अन्तुम्, ला मर्-हबम् बिकुम्, अन्तुम् क़द्दम्तुमूहु लना फ़बिअ्सल्- क़रार
    तो चेले कहेंगें (हम क्यों) बल्कि तुम (जहन्नुमी हो) तुम्हारा ही भला न हो तो तुम ही लोगों ने तो इस (बला) से हमारा सामना करा दिया तो जहन्नुम भी क्या बुरी जगह है।
  17. क़ालू बल् अन्तुम्, ला मर्-हबम् बिकुम्, अन्तुम् क़द्दम्तुमूहु लना फ़बिअ्सल्- क़रार
    (फिर वह) अज्र करेगें परवरदिगार जिस शख़्स ने हमारा इस (बला) से सामना करा दिया तो तू उस पर हमसे बढ़कर जहन्नुम में दो गुना अज़ाब कर।
  18. व क़ालू मा लना ला नरा रिजालन् कुन्ना नअुदुहुम्-मिनल्-अश्-रार
    और (फिर) खु़द भी कहेगें हमें क्या हो गया है कि हम जिन लोगों को (दुनिया में) शरीर शुमार करते थे हम उनको यहाँ (दोज़ख़) में नहीं देखते।
  19. अत्त-ख़ज़्नाहुम् सिख़्-रिय्यन् अम् ज़ाग़त् अ़न्हुमुल्- अब्सार
    क्या हम उनसे (नाहक़) मसखरापन करते थे या उनकी तरफ से (हमारी) आँखे पलट गयी हैं।
  20. इन्- न ज़ालि-क ल-हक़्क़ुन् तख़ासुमु अह्लिन्नार
    इसमें शक नहीं कि जहन्नुमियों का बाहम झगड़ना ये बिल्कुल यक़ीनी ठीक है।
  21. क़ुल् इन्नमा अ-न मुन्ज़िरूंव-व मा मिन् इलाहिन् इल्लल्लाहुल्-वाहिदुल्-क़ह्हार
    (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं तो बस (अज़ाबे अल्लाह से) डराने वाला हूँ और यकता क़हार अल्लाह के सिवा कोई माबूद क़ाबिले परसतिश नहीं।
  22. रब्बुस्समावाति वल्अर्ज़ि व मा बैनहुमल्-अ़ज़ीज़ुल ग़फ़्फ़ार
    सारे आसमान और ज़मीन का और जो चीज़े उन दोनों के दरमियान हैं (सबका) परवरदिगार ग़ालिब बड़ा बख़्शने वाला है।

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