बिस्मिल्लाहिर्रह्मानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है
अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है
- व मा तकूनु फ़ी शअ्निंव-व मा तत्लू मिन्हु मिन् कुरआनिंव् – व ला तअ्मलू – न मिन् अ- मलिन् इल्ला कुन्ना अलैकुम् शुहूदन् इज् तुफ़ीजू – न फ़ीहि, व मा यअ्ज़ुबु अर्रब्बि – क मिम् – मिस्कालि ज़र्रतिन् फ़िल्अर्जि व ला फिस्समा – इ व ला अस्ग-र मिन् ज़ालि क व ला अक्ब-र इल्ला फ़ी किताबिम् मुबीन
(और ऐ रसूल) तुम (चाहे) किसी हाल में हो और क़़ुरान की कोई सी भी आयत तिलावत करते हो और (लोगों) तुम कोई सा भी अमल कर रहे हो हम (हम सर वक़त) जब तुम उस काम में मषग़ूल होते हो तुम को देखते रहते हैं और तुम्हारे परवरदिगार से ज़र्रा भी कोई चीज़ ग़ायब नहीं रह सकती न ज़मीन में और न आसमान में और न कोई चीज़ ज़र्रे से छोटी है और न उससे बढ़ी चीज़ मगर वह रौषन किताब लौहे महफूज़ में ज़रुर है - अला इन्-न औलिया-अल्लाहि ला ख़ौफुन् अलैहिम् व ला हुम् यह़्ज़नून
आगाह रहो इसमें शक नहीं कि दोस्ताने ख़ुदा पर (क़यामत में) न तो कोई ख़ौफ होगा और न वह आजु़र्दा (ग़मग़ीन) ख़ातिर होगे - अल्लज़ी-न आमनू व कानू यत्तकून
ये वह लोग हैं जो ईमान लाए और (ख़़ुदा से) डरते थे - लहुमुल्बुश्रा फ़िल्हयातिद्दुन्या व फ़िल् – आखिरति, ला तब्दी-ल लि-कलिमातिल्लाहि, ज़ालि-क हुवल् फ़ौजुल अज़ीम
उन्हीं लोगों के वास्ते दीन की जि़न्दगी में भी और आखि़रत में (भी) ख़ुशख़बरी है ख़़ुदा की बातों में अदल बदल नहीं हुआ करता यही तो बड़ी कामयाबी है - व ला यह्जुन् – क कौलुहुम् इन्नल् -अिज़्ज़-त लिल्लाहि जमीअन् हुवस्समीअुल-अलीम
और (ऐ रसूल) उन (कुफ़्फ़ार) की बातों का तुम रंज न किया करो इसमें तो शक नहीं कि सारी इज़्ज़त तो सिर्फ ख़ुदा ही के लिए है वही सबकी सुनता जानता है - अला इन्-न लिल्लाहि मन् फ़िस्समावाति व मन् फ़िलअर्जि, व मा यत्तबिअुल्लज़ी-न यद्अून मिन् दुनिल्लाहि शु-रका-अ, इंय्यत्तबिअू – न इल्लज़्ज़न् – न व इन् हुम् इल्ला यख्रुसून
आगाह रहो इसमें शक नहीं कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही के लिए है और जो लोग ख़ुदा को छोड़कर (दूसरों को) पुकारते हैं वह तो (ख़ुदा के फजऱ्) शररीकों की राह पर भी नहीं चलते बल्कि वह तो सिर्फ अपनी अटकल पर चलते हैं और वह सिर्फ वहमी और ख़्याली बातें किया करते हैं - हुवल्लज़ी ज-अ-ल लकुमुल्लै-ल लितस्कुनू फ़ीहि वन्नहा-र मुब्सिरन्, इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआयातिल् लिक़ौमिंय्यस्मअून
वह वही (खुदाए क़ादिर तवाना) है जिसने तुम्हारे नफा के वास्ते रात को बनाया ताकि तुम इसमें चैन करो और दिन को (बनाया) कि उसकी रौषनी में देखो भालो उसमें शक नहीं जो लोग सुन लेते हैं उनके लिए इसमें (कुदरत की बहुतेरी निशानियाँ हैं) - कालुत्त – ख़ज़ल्लाहु व लदन् सुब्हानहू, हुवल् – ग़निय्यु, लहू मा फ़िस्समावाति व मा फ़िलअर्जि इन् अिन्दकुम् मिन् सुल्तानिम् – बिहाज़ा अ तकूलू – न अ़लल्लाहि मा ला तअ्लमून
लोगों ने तो कह दिया कि ख़ुदा ने बेटा बना लिया-ये महज़ लगों वह तमाम नकायस से पाक व पाकीज़ा वह (हर तरह) से बेपरवाह हैं व जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (सब) उसी का है (जो कुछ) तुम कहते हो( उसकी कोई दलील तो तुम्हारे पास है नहीं क्या तुम ख़ुदा पर) (यूही) बे जाने बूझे झूठ बोला करते हो - कुल इन्नल्लज़ी न यफ्तरू – न अलल्लाहिल् – कज़ि- ब ला युफ्लिहून
ऐ रसूल तुम कह दो कि बेशक जो लोग झूठ मूठ ख़़ुदा पर बोहतान बाधते हैं वह कभी कामयाब न होगें - मताअुन् फ़िद्दुन्या सुम्-म इलैना मर्जिअुहुम् सुम्-म नुज़ीकुहुमुल् अ़ज़ाबश्शदी – द बिमा कानू यक्फुरून *
(ये) दुनिया के (चन्द रोज़ा) फायदे हैं फिर तो आखि़र हमारी ही तरफ लौट कर आना है तब उनके कुफ्र की सज़ा में हम उनको सख़्त अज़ाब के मज़े चखाएँगें - वत्लु अलैहिम न-ब-अ नूहिन • इज़ का-ल लिक़ौमिही या कौमि इन् का-न कबु-र अ़लैकुम् मक़ामी व तज़्कीरी बिआयातिल्लाहि फ़- अ़लल्लाहि तवक्कल्तु फ़ – अज्मिअू अम्रकुम् व शु- रका- अकुम् सुम् – म ला यकुन् अम्रूकुम् अलैकुम् गुम्म – तन् सुम्मक़्जू इलय् – य वला तुन्ज़िरून
और (ऐ रसूल) तुम उनके सामने नूह का हाल पढ़ दो जब उन्होंने अपनी क़ौम से कहा ऐ मेरी क़ौम अगर मेरा ठहरना और ख़़ुदा की आयतों का चर्चा करना तुम पर याक़ व गरा (बुरा) गुज़रता है तो मैं सिर्फ ख़़ुदा ही पर भरोसा रखता हूँ तो तुम और तुमहारे शरीक़ सब मिलकर अपना काम ठीक कर लो फिर तुम्हारी बात तुम (में से किसी) पर महज़ (छुपी) न रहे फिर (जो तुम्हारा जी चाहे) मेरे साथ कर गुज़रों और गुझे (दम मारने की भी) मोहलत न दो - फ़- इन् तवल्लैतुम् फ़मा सअल्तुकुम् मिन् अज्रिन् इन् अज्रि – य इल्ला अ़लल्लाहि व उमिरतु अन् अकू-न मिनल्-मुस्लिमीन
फिर भी अगर तुम ने (मेरी नसीहत से) मुँह मोड़ा तो मैने तुम से कुछ मज़दूरी तो न माँगी थी-मेरी मज़दूरी तो सिर्फ ख़ुदा ही पर है और (उसी की तरफ से) मुझे हुक्म दिया गया है कि मैं उसके फरमाबरदार बन्दों में से हो जाऊँ - फ़- कज़्ज़बूहु फ़ – नज्जैनाहु व मम्-म अ़हू फ़िल्फुल्कि व जअ़ल्नाहुम् ख़लाइ-फ़ व अग्रक्नल्लज़ी-न कज़्ज़बू बिआयातिना फ़न्जुर् कै-फ़ का-न आ़कि-बतुल् मुन्ज़रीन
उस पर भी उन लोगों ने उनको झुठलाया तो हमने उनको और जो लोग उनके साथ कष्ती में (सवार) थे (उनको) नजात दी और उनको (अगलों का) जानषीन बनाया और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था उनको डुबो मारा फिर ज़रा ग़ौर तो करो कि जो (अज़ाब से) डराए जा चुके थे उनका क्या (ख़राब) अन्जाम हुआ - सुम्-म बअ़स्ना मिम्-बअ्दिही रूसुलन् इला कौमिहिम् फ़जाऊहुम् बिल्बय्यिनाति फ़मा कानू लियुअ्मिनू बिमा कज़्ज़बू बिही मिन् क़ब्लु, कज़ालि-क नत्बअु अ़ला कुलूबिल् – मुअ्तदीन
फिर हमने नूह के बाद और रसूलों को अपनी क़ौम के पास भेजा तो वह पैग़म्बर उनके पास वाजे़ए (खुले हुए) व रौषन मौजिज़े लेकर आए इस पर भी जिस चीज़ को ये लोग पहले झुठला चुके थे उस पर ईमान (न लाना था) न लाए हम यू ही हद से गुज़र जाने वालों के दिलों पर (गोया) खुद मोहर कर देते हैं - सुम्-म ब अअ़स्ना मिम्बअ्दिहिम् मूसा व हारू-न इला फ़िरऔ – न व म-लइही बिआयातिना फ़स्तक्बरू व कानू क़ौमम् – मुज्रिमीन
फिर हमने इन पैग़म्बरों के बाद मूसा व हारुन को अपनी निषानियाँ (मौजिज़े) लेकर फिरआऊन और उस (की क़ौम) के सरदारों के पास भेजा तो वह लोग अकड़ बैठे और ये लोग थे ही कुसूरवार - फ़- लम्मा जा- अहुमुल् – हक़्कु मिन् अिन्दिना कालू इन् – न हाज़ा लसिहरूम् मुबीन
फिर जब उनके पास हमारी तरफ से हक़ बात (मौजिज़े) पहुँच गए तो कहने लगे कि ये तो यक़ीनी खुल्लम खुल्ला जादू है - का-ल मूसा अ-तकूलू-न लिल्हक़्क़ि लम्मा जा-अकुम्, असिहरून् हाज़ा व ला युफ्लिहुस्साहिरून
मूसा ने कहा क्या जब (दीन) तुम्हारे पास आया तो उसके बारे में कहते हो कि क्या ये जादू है और जादूगर लोग कभी कामयाब न होगें - कालू अजिअ् – तना लितल्फ़ि – तना अ़म्मा वजद्ना अ़लैहि आबा – अना व तकू – न लकुमल् – किब्रिया – उ फ़िल्अर्जि, व मा नह्नु लकुमा बिमुअ्मिनीन
वह लोग कहने लगे कि (ऐ मूसा) क्यों तुम हमारे पास उस वास्ते आए हो कि जिस दीन पर हमने अपने बाप दादाओं को पाया उससे तुम हमे बहका दो और सारी ज़मीन में ही दोनों की बढ़ाई हो और ये लोग तुम दोनों पर ईमान लाने वाले नहीं - व का-ल फिरऔनुअ्तूनी बिकुल्लि साहिरिन् अ़लीम
और फिरआऊन ने हुक्म दिया कि हमारे हुज़ूर में तमाम खिलाड़ी (वाकि़फकार) जादूगर को तो ले आओ - फ़- लम्मा जाअस्स-ह-रतु का-ल लहुम् मूसा अल्कू मा अनतुम्-मुल्कून
फिर जब जादूगर लोग (मैदान में) आ मौजूद हुए तो मूसा ने उनसे कहा कि तुमको जो कुछ फेंकना हो फेंको
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