78 सूरह नबा हिंदी में​

नबा का मतलब “ख़बर” होता है। सूरह नबा कुरान के 30वें पारा में 78वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है। सूरह नबा में कुल 40 आयतें, कुल रुकू है।

इसका विषय है क़यामत और आख़िरत की पुष्टि और उसको मानने या न मानने के परिणामों से लोगों को सावधान करना। मक्का में जब आरम्भ मे अल्लाह के रसूल (सल्ल0) ने इस्लाम के प्रचार का आरम्भ किया तो वह तीन चीज़ों पर आधारित थाः ऐकश्वरवाद, हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की पैग़म्बरी और आख़िरत

इन तीनों चीज़ों में से पहली दो चीजें भी यद्यपि मक्का वालों को अत्यन्त अप्रिय के साथ उतनी ज़्यादा उलझन का कारण न थीं, जितनी तीसरी बात थी।

इसको जब उन लोगो के सामने पेश किया गया तो उन्होंने सबसे ज़्यादा उसी की हँसी उड़ाई। किन्तु इस्लाम की राह पर उनको लाने के लिए यह बिल्कुल आवश्यक था कि आखिरत की धारणा उनके मन में उतारी जाए, क्योंकि इस धारणा को स्वीकार किए बिना यह सम्भव ही न था कि सत्य और असत्य के मामले में उनके सोचने के ढंग में गंभीरता आ सकती।

सूरह नबा हिंदी में | Surah An-Naba in Hindi​

पारा 30 शुरू

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
  1. अम्मा यतासा अ लून
    लोग आपस में किस चीज़ के बारे में पूछ रहे हैं।
  2. अनिन नबाअिल अज़ीम
    उस बड़ी ख़बर के बारे में,
  3. अल्लज़ी हुम फीहि मुख्तलिफून
    जिसमें वे लोग मतभेद कर हैं।
  4. कल्ला सा यअ ल मून
    कदापि नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।
  5. सुम्मा कल्ला सा यअ ल मून
    फिर कदापि नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।
  6. अलम यज अलिल अर्दा मिहादा
    क्या हमने ज़मीन को बिछौना (फ़र्श) नहीं बनाया।
  7. वल ज़िबाला औतादा
    और पहाड़ों को (ज़मीन) की मेख़े नहीं बनाया।
  8. व् खलक़ ना कुम अज़ वाजा
    और तुम्हें हमने जोड़े जोड़े पैदा किया,
  9. वजा अलना नौ म कुम सुबाता
    और तुम्हारी नींद को थकन दूर करनेवाली बनाया,
  10. वजा अल्नल लै ल लिबासा
    और हमने रात को पर्दा बनाया।
  11. वजा अल्नन नहा र म आशा
    और दिन को कमाने के लिए बनाया।
  12. वबा नैइ ना फौ क़ कुम सब अन शिदादा
    और हमने तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत आसमान बनाए।
  13. वजा अलना सिरजौं वह्हाजा
    और हमने उसमें एक चकमता हुआ चराग(सूर्य) रख दिया।
  14. व अन्जलना मिनल मु अ सिराति मा अन सज्जाजा
    और हमने बादलों से मूसलाधार पानी बरसाया।
  15. लिनुखरिज़ा बिही हब्बऔ व नबाता
    ताकि हम उसके ज़रिए से अनाज और सब्जी उगाएं।
  16. व जन्नातिन अल्फाफा
    और घने घने बाग़ पैदा करें।
  17. इन्ना यौमल फसलि का न मी क़ाता
    निस्संदेह फ़ैसले का दिन एक निश्चित है।
  18. यौमा युन् फखु फिस सूरि फतअ तूना अफ् वाजा
    जिस दिन सूर फूंका जाएगा, फिर तुम दलों के दल चले आओगे।
  19. व फुतिहतिस् समाउ फ कानत अब् वाबा
    और आसमान खोल दिया जाएगा, फिर उसमें दरवाज़े ही दरवाज़े हो जाएंगे।
  20. व सुय्यीरतिल जिबालु फ कानत सराबा
    और पहाड़ चलाए जाएँगे तो रेत होकर रह जाएँगे।
  21. इन्ना जहान्नमा कानत मिर सादा
    बेशक जहन्नम घात में है।
  22. लित् त्वागीना म आबा
    जो दुराचारियों का स्थान है।
  23. ला बिसीना फी हा अह क़ाबा
    उसमें वे असंख्य वर्षों तक पड़े रहेंगे।
  24. ला यजू कूना फीहा बरदौं वला शराबा
    वे उसमें न किसी शीतलता का मज़ा चखेंगे और न किसी पेय का,
  25. इल्ला हमीमौओं व गस्साक़ा
    सिवाय खौलते पानी और बहती पीप-रक्त के।
  26. जजा औं वि फाक़ा
    (ये उनकी कारस्तानियों का) पूरा पूरा बदला है।
  27. इन्नहुम कानू ला यर्जूना हिसाबा
    बेशक ये लोग आख़ेरत के हिसाब की उम्मीद ही न रखते थे।
  28. व कज्ज़बू बि आयातिना किज़्ज़ाबा
    तथा वे हमारी आयतों को झुठलाते थे।
  29. व कुल्ला शैइन अह सैइनाहू किताबा
    और हमने हर चीज़ लिखकर गिन रखी है।
  30. फ ज़ूकू फ लन नजी’दकुम इल्ला अजाबा
    तो अब मज़ा चखो कि हम तुम्हारी सज़ा ही बढ़ाते जाऐँगे।
  31. इन्ना लिल मुत्तकीना मफाज़ा
    बेशक अल्लाह से डरने वालों के लिए कामयाबी है।
  32. हदाइका व अअ् नाबा
    (यानि जन्नत के) बाग़ और अंगूर।
  33. व कवाइबा अतराबा
    और नवयौवना समान उम्रवाली,
  34. व कअ्सन दिहाक़ा
    और भरे हुए प्याले।
  35. ला यस मऊना फीहा लग वौ वला किज़्ज़ाबा
    उसमें बकवास और मिथ्या बातें नहीं सुनेंगे।
  36. जज़ाअम मिर् रब्बिका अता अन हिसाबा
    यह(उनको उनकी नेकियो का) बदला मिलेगा जो कि काफ़ी इनाम होगा(आपके) रब की तरफ़ से।
  37. रब्बिस् समावाती वल अर्दी वमा बै’नहुमर् रहमानि ला यम्लिकूना मिन्हु खिताबा
    जो सारे आसमान और ज़मीन और जो इन दोनों के बीच में है सबका मालिक है बड़ा मेहरबान जिससे बात करने का वे साहस नहीं कर सकेंगे।
  38. यौमा यकूमुर् रुहु वल् मलाइकतु सफ्फा, ला यता कल्लामूना इल्ला मन अजि न लहुर् रहमानु व क़ाला सवाबा
    जिस दिन जिबरील और फरिश्ते (उसके सामने) पर बाँध कर खड़े होंगे (उस दिन) उससे कोई बात न कर सकेगा मगर जिसे अल्लाह इजाज़त दे और वह ठीक बात कहे।
  39. ज़ालिकल यौमुल हक्क़, फ मन शा’अत् त ख ज इला रब्बिही म आबा
    वह दिन निःसंदेह होना ही है। अतः जो चाहे अपने पालनहार की ओर (जाने का) ठिकाना बना ले।
  40. इन्ना अंज़र ना कुम अज़ाबन क़रीब, यौ म यंजुरुल मर उ मा कद् दमत यदाहु व यकूलुल् काफिरु या लैतनी कुन्तु तुराबा
    हमने तुम्हें अनक़रीब आ जाने वाले अज़ाब से डरा दिया है, जिस दिन आदमी उसको देख लेगा जो कुछ उसके हाथों ने आगे भेजा होगा, और इनकार करनेवाला कहेगा, काश मैं मिट्टी होता।

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Surah An-Naba in Arabic

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