Table of Contents
Toggleसूरह अल-हिज्र हिंदी में | Surat Al-Hijr in Hindi
- व इन्नहा लबि-सबीलिम् मुक़ीम
के रास्ते पर है। - इन्-न फ़ी ज़ालि-क लआ-यतल् लिल्मुअ्मिनीन
इसमें तो शक हीं नहीं कि इसमें ईमानदारों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत बड़ी निशानी है। - व इन् का-न अस्हाबुल-ऐ कति लज़ालिमीन
और एैका के रहने वाले (क़ौमे शोएब की तरह बड़े सरकश थे)। - फ़न्त-क़म्-ना मिन्हुम • व इन्नहुमा लबि-इमामिम्-मुबीन
तो उन से भी हमने (नाफरमानी का) बदला लिया और ये दो बस्तियाँ (क़ौमे लूत व शोएब की) एक खुली हुयी शह राह पर (अभी तक मौजूद) हैं। - व ल-क़द् कज़्ज़-ब अस्हाबुल हिज्रिल्-मुर्सलीन
और इसी तरह हिज्र के रहने वालों (क़ौम सालेह ने भी) पैग़म्बरों को झुठलाया। - व आतैनाहुम् आयातिना फ़कानू अ़न्हा मुअ्-रिज़ीन
और (बावजूद कि) हमने उन्हें अपनी निशानियाँ दी उस पर भी वह लोग उनसे रद गिरदानी करते रहे। - व कानू यन्हितू-न मिनल्-जिबालि बुयूतन् आमिनीन
और बहुत दिल जोई से पहाड़ों को तराश कर घर बनाते रहे। - फ़ अ ख़ज़त्हुमुस्सैहतु मुस्बिहीन
आखि़र उनके सुबह होते होते एक बड़ी (जोरों की) चिंघाड़ ने ले डाला। - फ़मा अ़ग्-ना अ़न्हुम् मा कानू यक्सिबून
फिर जो कुछ वह अपनी हिफाज़त की तदबीर किया करते थे (अज़ाब ख़ुदा से बचाने में) कि कुछ भी काम न आयीं। - व मा ख़लक़्नस्समावाति वल्अर्-ज़ व मा बैनहुमा इल्ला बिल्हक़्क़ि, व इन्नस्सा-अ-त लआति-यतुन् फ़स्फ़हिस्सफ़्हल-जमील
और हमने आसमानों और ज़मीन को और जो कुछ उन दोनों के दरम्यिान में है हिकमत व मसलहत से पैदा किया है और क़यामत यक़ीनन ज़रुर आने वाली है तो तुम (ऐ रसूल) उन काफिरों से शाइस्ता उनवान (अच्छे बरताव) के साथ दर गुज़र करो। - इन्-न रब्ब-क हुवल् ख़ल्लाक़ुल-अ़लीम
इसमें शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार बड़ा पैदा करने वाला है। - व ल क़द् आतैना-क सब्अम् मिनल्-मसानी वल्क़ुर्आनल् अ़ज़ीम
(बड़ा दाना व बीना है) और हमने तुमको सबअे मसानी (सूरे हम्द) और क़ुरान अज़ीम अता किया है। - ला तमुद्दन्-न ऐनै-क इला मा मत्तअ्ना बिही अज़्वाजम् मिन्हुम् व ला तह्ज़न् अ़लैहिम् वख़्फिज़् जनाह-क लिल्मुअ्मिनीन
और हमने जो उन कुफ्फारों में से कुछ लोगों को (दुनिया की) माल व दौलत से निहाल कर दिया है तुम उसकी तरफ हरगिज़ नज़र भी न उठाना और न उनकी (बेदीनी) पर कुछ अफसोस करना और इमानदारों से (अगरचे ग़रीब हो) झुककर मिला करो और कहा दो कि मै तो (अज़ाबे ख़ुदा से) सरीही तौर से डराने वाला हूँ। - व क़ुल इन्नी अनन्नज़ीरूल मुबीन
(ऐ रसूल) उन कुफ्फारों पर इस तरह अज़ाब नाजि़ल करेगें जिस तरह हमने उन लोगों पर नाजि़ल किया। - कमा अन्ज़ल्ना अलल्-मुक़्तसिमीन
जिन्होंने क़ुरान को बाँट कर टुकडे़ टुकड़े कर डाला। - अल्लज़ी-न ज अ़लुल्-क़ुरआ-न अिज़ीन
(बाज़ को माना बाज को नहीं) तो ऐ रसूल तुम्हारे ही परवरदिगार की (अपनी) क़सम। - फ़-वरब्बि-क लनस्-अलन्नहुम् अज्मईन
कि हम उनसे जो कुछ ये (दुनिया में) किया करते थे (बहुत सख़्ती से) ज़रुर बाज़ पुर्स (पुछताछ) करेंगे। - अ़म्मा कानू यअ्मलून
पस जिसका तुम्हें हुक्म दिया गया है उसे वाजेए करके सुना दो। - फ़स्दअ् बिमा तुअ्मरू व अअ्-रिज़् अ़निल्-मुश्रिकीन
और मुश्रिकिन की तरफ से मुँह फेर लो। - इन्ना कफ़ैनाकल्-मुस्तह़्ज़िईन
जो लोग तुम्हारी हँसी उड़ाते है। - अल्लज़ी-न यज्अ़लू-न मअ़ल्लाहि इलाहन् आ-ख-र, फ़सौ-फ़ यअ्लमून
और ख़ुदा के साथ दूसरे परवरदिगार को (शरीक) ठहराते हैं हम तुम्हारी तरफ से उनके लिए काफी हैं तो अनक़रीब ही उन्हें मालूम हो जाएगा। - वल-क़द् नअ्लमु अन्न-क यज़ीक़ु सद्रू-क बिमा यक़ूलून
कि तुम जो इन (कुफ्फारों मुनाफिक़ीन) की बातों से दिल तंग होते हो उसको हम ज़रुर जानते हैं। - फ़-सब्बिह् बिहम्दि रब्बि-क व कुम् मिनस्-साजिदीन
तो तुम अपने परवरदिगार की हम्दो सना से उसकी तस्बीह करो और (उसकी बारगाह में) सजदा करने वालों में हो जाओ। - वअ्बुद् रब्ब-क हत्ता यअ्ति-यकल्-यक़ीन *
और जब तक तुम्हारे पास मौत आए अपने परवरदिगार की इबादत में लगे रहो।
Surah Al-Hijr Video
Post Views: 731