Table of Contents
Toggleसूरह अल फु़रकान हिंदी में | Surat Al-Furqan in Hindi
- तबा – रकल्लज़ी ज अ़-ल फ़िस्समा इ बुरुजंव् व ज-अ़-ल फ़ीहा सिराजंव् व क़-मरम् मुनीरा
बहुत बाबरकत है वह अल्लाह जिसने आसमान में बुर्ज बनाए और उन बुर्जों में (आफ़ताब का) चिराग़ और जगमगाता चाँद बनाया। - व हुवल्लज़ी ज-अ़लल्लै – ल वन्नहा-र खिल्फ़ – तल लिमन् अरा – द अंय्यज़्ज़क्क-र औ अरा-द शुकूरा
और वही तो वह (अल्लाह) है जिसने रात और दिन (एक) को (एक का) जानशीन बनाया (ये) उस के (समझने के) लिए है जो नसीहत हासिल करना चाहे या शुक्र गुज़ारी का इरादा करें। - व अिबादुर्रह्मानिल्लज़ी-न यम्शू-न अ़लल्-अर्जि हौनंव्-व इज़ा खा-त बहुमुल्-जाहिलू-न कालू सलामा
और (ख़ुदाए) रहमान के ख़ास बन्दे तो वह हैं जो ज़मीन पर फिरौतनी के साथ चलते हैं और जब जाहिल उनसे (जिहालत) की बात करते हैं तो कहते हैं कि सलाम (तुम सलामत रहो)। - वल्लज़ी-न यबीतू-न लिरब्बिहिम् सुज्जदंव् व कियामा
और वह लोग जो अपने परवरदिगार के वास्ते सज़दे और क़याम में रात काट देते हैं। - वल्लज़ी-न यकूलू-न रब्ब नस्रिफ् अ़न्ना अ़ज़ा-ब जहन्न-म इन्-न अ़ज़ा-बहा का-न ग़रामा
और वह लोग जो दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख़्त और पाएदार होगा)। - इन्नहा साअत् मुस्त-क़र्रव-व मुक़ामा
बेशक वह बहुत बुरा ठिकाना और बुरा मक़ाम है (66) - वल्लज़ी-न इज़ा अन्फ़कू लम् युस्रिफू व लम् यक्तुरू व का-न बै-न ज़ालि-क क़वामा
और वह लोग कि जब खर्च करते हैं तो न फुज़ूल ख़र्ची करते हैं और न तंगी करते हैं और उनका ख़र्च उसके दरमेयान औसत दर्जे का रहता है। - वल्लज़ी-न ला यद्अू-न मअ़ल्लाहि इलाहन् आख़-र व ला यक्तुलूनन्-नफ़्सल्लती हर्रमल्लाहु इल्ला बिल्- हक़्क़ि व ला यज्नू-न, व मंय्यफ़अ़ल् ज़ालि-क यल्-क असामा
और वह लोग जो अल्लाह के साथ दूसरे माबूदों की परसतिश नही करते और जिस जान के मारने को अल्लाह ने हराम कर दिया है उसे नाहक़ क़त्ल नहीं करते और न जि़ना करते हैं और जो शख़्स ऐसा करेगा वह आप अपने गुनाह की सज़ा भुगतेगा। - युजाअ़फ् लहुल्-अ़ज़ाबु यौमल्-कियामति व यख़्लुद् फ़ीही मुहाना
कि क़यामत के दिन उसके लिए अज़ाब दूना कर दिया जाएगा और उसमें हमेशा ज़लील व ख़वार रहेगा। - इल्ला मन् ता-ब व आम न व अ़मि-ल अ़-मलन् सालिहन् फ़-उलाइ-क युबद्दिलुल्लाहु सय्यिआतिहिम् ह-सनातिन्, व कानल्लाहु ग़फूरर्-रहीमा
मगर (हाँ) जिस शख़्स ने तौबा की और इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए तो (अलबत्ता) उन लोगों की बुराइयों को अल्लाह नेकियों से बदल देगा और अल्लाह तो बड़ा बख़शने वाला मेहरबान है। - व मन् ता-ब व अ़मि-ल सालिहन् फ़-इन्नहू यतूबु इलल्लाहि मताबा
और जिस शख़्स ने तौबा कर ली और अच्छे अच्छे काम किए तो बेशक उसने अल्लाह की तरफ़ (सच्चे दिल से) हक़ीकक़तन रुजु की। - वल्लज़ी-न ला यशहदूनज़्जू-र व इज़ा मर्रू बिल्लग्वि मर्रू किरामा
और वह लोग जो फ़रेब के पास ही नही खड़े होते और वह लोग जब किसी बेहूदा काम के पास से गुज़रते हैं तो बुज़ुर्गाना अन्दाज़ से गुज़र जाते हैं। - वल्लज़ी-न इज़ा जुक्किरू बिआयाति रब्बिहिम् लम् यखिर्रू अ़लैहा सुम्मंव्-व अुम्याना
और वह लोग कि जब उन्हें उनके परवरदिगार की आयतें याद दिलाई जाती हैं तो बहरे अन्धें होकर गिर नहीं पड़ते बल्कि जी लगाकर सुनते हैं। - वल्लजी-न यकूलू – न रब्बना हब् लना मिन् अज़्वाजिना व जुर्रिय्यातिना कुर्र-त अअ्युनिंव् वज्अ़ल्ना लिल्मुत्तकी-न इमामा
और वह लोग जो (हमसे) अर्ज़ करते हैं कि परवरदिगार हमें हमारी बीबियों और औलादों की तरफ़ से आँखों की ठन्डक अता फरमा और हमको परहेज़गारों का पेशवा बना। - उलाइ – क युज़्ज़ौनल गुर्फ़ त बिमा स-बरू व युलक़्क़ौ न फ़ीहा तहिय्य तंव् व सलामा
ये वह लोग हैं जिन्हें उनकी जज़ा में (बेहष्त के) बाला ख़ाने अता किए जाएँगें और वहाँ उन्हें ताज़ीम व सलाम (का बदला) पेश किया जाएगा। - ख़ालिदी-न फ़ीहा हसुनत् मुस्तक़र्रंव्-व मुक़ामा
ये लोग उसी में हमेशा रहेंगें और वह रहने और ठहरने की अच्छी जगह है। - कुल् मा यअ् – बउ बिकुम् रब्बी लौ ला दुआ़उकुम् फ़ – कद् कज़्ज़ब्तुम् फ़सौ – फ़ यकूनु लिज़ामा *
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि अगर दुआ नही किया करते तो मेरा परवरदिगार भी तुम्हारी कुछ परवाह नही करता तुमने तो (उसके रसूल को) झुठलाया तो अन क़रीब ही (उसका वबाल) तुम्हारे सर पडे़गा।
Surah Al-Furqan Video
Post Views: 819