तारिक़ का मतलब “चमकदार सितारा या रात का सितारा“ होता है। सूरह अत-तारिक़ पवित्र कुरान के 30वें पारा में 86वीं सूरह है। यह सूरह मक्की है। इस सूरह में कुल 17 आयतें हैं।
सूरह अत-तारिक़ हिंदी में | Surah At-Tariq in Hindi
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है।
वस समाइ वत तारिक क़सम है आसमान की और उस चीज की, जो रात को आने वाली है।
वमा अद राका मत तारिक और क्या तुम्हें मालूम है कि वो रात को आने वाला कौन है।
अन नज्मुस साक़िब वो चमकदार सितारा है।
इन कुल्लु नफ्सिल लम्मा अलैहा हाफ़िज़ कोई जान ऐसी नहीं है जिसकी निगरानी करने वाला कोई मौजूद न हो।
फ़ल यनज़ुरिल इंसानु मिम्म खुलिक़ अब इन्सान को ये देखना चाहिए कि उसे किस चीज़ से पैदा किया गया है।
खुलिक़ा मिम माइन दाफ़िक़ उसको एक उछलते हुए पानी से पैदा किया गया है।
यख़रुजू मिम बैनिस सुल्बि वत तरा..इब जो पीठ और सीने की हड्डी के बीच से निकलता है।
इन्नहू अला रजइही लक़ादिर यक़ीनन अल्लाह उसको दोबारा पैदा करने पर कुदरत रखने वाला है।
यौमा तुब्लस सराइर जिस दिन मन के भेद परखे जायेंगे।
फ़मा लहू मिन क़ुव्वतिव वला नासिर तो उस दिन न तो इन्सान का ख़ुद कोई जोर होगा और न उसका कोई मददगार होगा।
वस समाइ जातिर रजइ और क़सम है आसमान की, जिस से बारिश होती है।
वल अरदि जातिस सदअ और ज़मीन की, जो फट जाती है।
इन्नहू लक़ौलुन फ़स्ल वास्तव में, ये (कुरान) दो-टूक निर्णय (फ़ैसला) करने वाला है।
वमा हुवा बिल हज्ल कोई हंसी मज़ाक़ की बात नहीं है।
इन्नहुम यकीदूना कैदा बेशक ये (काफ़िर) चालें चल रहे हैं।
व अकीदु कैदा और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ।
फ़मह हिलिल काफ़िरीना अमहिल हुम रुवैदा इसलिए (ऐ पैग़म्बर) उन काफ़िरों को ढील दे दो, उन्हें थोड़े दिनों अपने हाल पर छोड़ दो।