52 सूरह अत-तूर हिंदी में पेज 2

सूरह अत-तूर हिंदी में | Surah At-Tur in Hindi

  1. क़ालू इन्ना कुन्ना क़ब्लु फ़ी अह्लिना मुश्फ़िक़ीन
    वे कहेंगे, “निश्चय ही हम पहले अपने घरवालों में डरते थे।
  2. फ़-मन्नल्लाहु अ़लैना व वक़ाना अ़ज़ाबस्-समूम अन्ततः अल्लाह ने हमपर उपकार किया और हमें गर्म वायु की यातना से बचा लिया।
  3. इन्ना क़ुन्ना मिन् क़ब्लु नद्-अूहु, इन्नहू हुवल् बर्रूर्-रहीम “इससे पहले हम उसे पुकारते रहे हैं। निश्चय ही वह अति परोपकारी, अत्यन्त दयावान है।”
  4. फ़-ज़क्किर् फ़मा अन्त बिनिअ्-मति रब्बि-क बिकाहिनिंव्व ला मजूनून अतः आप याद दिलाते रहें। क्योंकि अपने रब की अनुकम्पा से न तुम काहिन (ढोंगी भविष्यवक्ता) हो और न दीवाना।
  5. अम् यक़ूलू-न शाअिरुन् न-तरब्बसु बिही रैबल्-मनून क्या वे कहते हैं कि ये कवि हैं जिसके लिए हम काल-चक्र की प्रतीक्षा कर रहे हैं?”
  6. क़ुल् त-रब्बसू फ़-इन्नी म- अ़कुम् मिनल्- मु-तरब्बिसीन कह दो, कि तुम प्रतीक्षा करते रहो मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करता हूँ।”
  7. अम् तअ्मुरुहुम् अह्लामुहुम् अम् हुम् क़ौमुन् त़ागून या उनकी समझ यही आदेश दे रही हैं, या वे हैं ही उल्लंघनकारी लोग?
  8. अम् यक़ूलू-न तक़व्व-लहू बल् ला युअ्मिनून क्या वे कहते हैं, “उसने उस (क़ुरान) को स्वयं ही कह लिया है?” नहीं, वास्तव में वे ईमान लाना नहीं चाहते।
  9. फ़ल्यअ् तू बि-हदीसिम्-मिस्लिही इन् कानू सादिक़ीन अच्छा यदि वे सच्चे हैं तो उन्हें उस(क़ुरान) जैसी कोई एक बात ले आनी चाहिए।
  10. अम् ख़ुलिक़ू मिन् ग़ैरि शैइन् अम् हुमुल् – ख़ालिक़ून या वे बिना किसी चीज़ के पैदा हो गए? अथवा वे स्वयं पैदा करने वाले हैं?
  11. अम् ख़-लक़ुस्समावाति वल्अर्-ज़ बल् ला यूक़िनून या उन्होंने ही आकाशों और धरती को पैदा किया? वास्तव में, वे विश्वास ही नहीं रखते।
  12. अम् अिन्दहुम् ख़ज़ा-इनु रब्बि-क अम् हुमुल्-मुसैतिरून या उनके पास तुम्हारे रब के ख़ज़ाने हैं? या वही (उसके) अधिकारी हैं?
  13. अम् लहुम् सुल्लमुंय्यस्तमिअू -न फ़ीहि फ़ल्यअ्ति मुस्तमिअुहुम् बिसुल्तानिम् – मुबीन या उनके पास कोई सीढ़ी है जिसपर चढ़कर वे (कान लगाकर) सुन लेते हैं? तो उनका सुनने वाला कोई खुला प्रमाण प्रस्तुत करे।
  14. अम् लहुल्- बनातु व लकुमुल् – बनून या उस (अल्लाह) के लिए बेटियाँ हैं और तुम्हारे अपने लिए बेटे?
  15. अम् तस् – अलुहुम् अज्रन् फ़हुम् मिम्-मग़्रमिम् – मुस्क़लून या तुम उनसे कोई पारिश्रमिक माँगते हो कि वे उसके बोझ से दबे जा रहे हैं?
  16. अम् अिन्दहुमुल् – ग़ैबु फ़हुम् यक्तुबून या उनके पास परोक्ष (स्पष्ट) है जिसे वे लिख[क़ुरान] रहे हैं?
  17. अम् युरीदू-न कैदन्, फ़ल्लज़ी-न क-फ़रू हुमुल् – मकीदून या वे कोई चाल चलना चाहते हैं? तो जो काफ़िर हो गये वही चाल की लपेट में आनेवाले हैं।
  18. अम् लहुम् इलाहुन् ग़ैरुल्लाहि, सुब्हानल्लाहि अ़म्मा युश्रिकून या अल्लाह के अतिरिक्त उनका कोई और उपास्य है? अल्लाह महान और उच्च है उससे जो वे साझी ठहराते हैं।
  19. व इंय्यरौ किस्फ़म् – मिनस्समा – इ साक़ितंय् – यक़ूलू सहाबुम्-मर्कूम यदि वे आकाश का कोई टुकड़ा गिरता हुआ देखें तो कहेंगे, “यह तो तह पर तह बादल है!”
  20. फ़-ज़र्हुम् हत्ता युलाक़ू यौ – महुमुल्लज़ी फ़ीहि युस् – अ़क़ून अतः आप छोड़ दें उन्हें, यहाँ तक कि वे अपने उस दिन का सामना करें जिसमें उनपर वज्रपात होगा;
  21. यौ-म ला युग़्नी अ़न्हुम् कैदुहुम् शैअंव्-व ला हुम् युन्सरून जिस दिन उनकी चाल उनके कुछ भी काम न आएगी और न उनकी सहायता की जायेगी;
  22. व इन्-न लिल्लज़ी – न ज़-लमू अ़ज़ाबन् दू-न ज़ालि-क व लाकिन्-न अक्स-रहुम् ला यअ्लमून और निश्चय ही जिन लोगों ने ज़ुल्म किया उनके लिए एक यातना है उससे हटकर भी, परन्तु उनमें से अधिकतर जानते नहीं।
  23. वस्बिर् लिहुक्मि रब्बि-क फ़-इन्न-क बि-अअ्युनिना व सब्बिह् बिहम्दि रब्बि-क ही-न तक़ूम अपने रब का फ़ैसला आने तक सहन करें, तुम तो हमारी आँखों में हो, और जब उठो तो अपने रब का गुणगान करो;
  24. व मिनल्लैलि फ़सब्बिह्हु व इद्बारन्-नुजूम रात्री में भी उसकी पवित्रता का वर्णन करो, और तारों के डूबने फेरने के समय (प्रातःकाल) भी।

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