सूरह ता हा हिंदी में | Surat Ta-Ha in Hindi
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहिम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
- तॉ-हा
ऐ ता हा (रसूलअल्लाह)। - मा अन्ज़ल्ना अ़लैकल् – कुरआ-न लितश्क़ा
हमने तुम पर कु़रान इसलिए नाजि़ल नहीं किया कि तुम (इस क़दर) मशक़्क़त उठाओ। - इल्ला तज्कि-रतल्-लिमंय्यख़्शा
मगर जो शख़्स अल्लाह से डरता है उसके लिए नसीहत (क़रार दिया है)। - तन्ज़ीलम्-मिम् मन् ख़-लक़ल्अर्-ज़ वस्समावातिल – अुला
(ये) उस शैह की तरफ़ से नाजि़ल हुआ है जिसने ज़मीन और ऊँचे-ऊँचे आसमानों को पैदा किया। - अर्रह्मानु अ़लल्-अ़रशिस्तवा
वही रहमान है जो अर्श पर (हुक्मरानी के लिए) आमादा व मुस्तईद है। - लहू मा फ़िस्समावाति व मा फ़िल-अर्जि व मा बैनहुमा व मा तह्तस्सरा
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है और जो कुछ दोनों के बीच में है और जो कुछ ज़मीन के नीचे है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है। - व इन् तज्हर् बिल्क़ौलि फ-इन्नहू यल्मुस्सिर्-र व अख़्फ़ा
और अगर तू पुकार कर बात करे (तो भी आहिस्ता करे तो भी) वह यक़ीनन भेद और उससे ज़्यादा पोशीदा चीज़ को जानता है। - अल्लाहु ला इला-ह इल्ला हु-व, लहुल अस्माउल-हुस्ना
अल्लाह (वह माबूद है कि) उसके सिवा कोइ माबूद नहीं है (अच्छे-अच्छे) उसी के नाम हैं। - व हल अता-क हदीसु मूसा
और (ऐ रसूल) क्या तुम तक मूसा की ख़बर पहुँची है कि जब उन्होंने दूर से आग देखी। - इज् रआ नारन् फ़का-ल लिअह़्लिहिम्कुसू इन्नी आनस्तु नारल्-लअ़ल्ली आतीकुम् मिन्हा बि-क़-बसिन् औ अजिदु अ़लन्नारि हुदा
तो अपने घर के लोगों से कहने लगे कि तुम लोग (ज़रा यहीं) ठहरो मैंने आग देखी है क्या अजब है कि मैं वहाँ (जाकर) उसमें से एक अँगारा तुम्हारे पास ले आऊँ या आग के पास किसी राह का पता पा जाऊँ। - फ़-लम्मा अताहा नूदि-य या मूसा
फिर जब मूसा आग के पास आए तो उन्हें आवाज आई। - इन्नी अ-न रब्बु-क फ़ख़्लअ् नअ् लै-क इन्न-क बिल्वादिल्-मुक़द्दसि तुवा
कि ऐ मूसा बेशक मैं ही तुम्हारा परवरदिगार हूँ तो तुम अपनी जूतियाँ उतार डालो क्योंकि तुम (इस वक़्त) तुआ (नामी) पाक़ीज़ा चटियल मैदान में हो। - व अनख़्तरतु-क फ़स्तमिअ् लिमा यूहा
और मैंने तुमको पैग़म्बरी के वास्ते मुन्तखि़ब किया (चुन लिया) है तो जो कुछ तुम्हारी तरफ़ वही की जाती है उसे कान लगा कर सुनो। - इन्ननी अनल्लाहु ला इला-ह इल्ला अ-न फ़अ्बुद्नी व अक़िमिस्सला-त लिज़िक्री
इसमें शक नहीं कि मैं ही वह अल्लाह हूँ कि मेरे सिवा कोई माबूद नहीं तो मेरी ही इबादत करो और मेरी याद के लिए नमाज़ बराबर पढ़ा करो। - इन्नस्सा-अ़-त आति-यतुन् अकादु उख़्फीहा लितुज़्ज़ा कुल्लु नफ़्सिम्-बिमा तस्आ
(क्योंकि) क़यामत ज़रूर आने वाली है और मैं उसे लामहौला छिपाए रखूँगा ताकि हर शख़्स (उसके ख़ौफ से नेकी करे) और जैसी कोशिश की है उसका उसे बदला दिया जाए। - फ़ला यसुद्दन्न – क अन्हा मल्ला युअ्मिनु बिहा वत्त-ब-अ़ हवाहु फ़-तरदा
तो (कहीं) ऐसा न हो कि जो शख़्स उसे दिल से नहीं मानता और अपनी नफ़सियानी ख़्वाहिश के पीछे पड़ा वह तुम्हें इस (फिक्र) से रोक दे तो तुम तबाह हो जाओगे। - व मा तिल-क बि-यमीनि-क या मूसा
और ऐ मूसा ये तुम्हारे दाहिने हाथ में क्या चीज़ है। - का-ल हि-य अ़सा-य अ-तवक्क-उ अ़लैहा व अहुश्शु बिहा अ़ला-ग़-नमी व लि – य फ़ीहा मआरिबु उखरा
अर्ज़ की ये तो मेरी लाठी है मैं उस पर सहारा करता हूँ और इससे अपनी बकरियों पर (और दरख़्तों की) पत्तियाँ झाड़ता हूँ और उसमें मेरे और भी मतलब हैं। - का – ल अल्क़िहा या मूसा
फ़रमाया ऐ मूसा उसको ज़रा ज़मीन पर डाल तो दो मूसा ने उसे डाल दिया। - फ़- अल्काहा फ़-इज़ा हि-य हय्यतुन् तस्आ
तो फ़ौरन वह साँप बनकर दौड़ने लगा (ये देखकर मूसा भागे)। - का-ल खुज्हा व ला त-ख़फू सनुईदुहा सी-र तहल्- ऊला
तो फ़रमाया कि तुम इसको पकड़ लो और डरो नहीं मैं अभी इसकी पहली सी सूरत फिर किए देता हूँ। - वज़्मुम् य-द-क इला जनाहि-क तख्रुज् बैज़ा-अ मिन् गैरि सूइन् आ-यतन् उख़रा
और अपने हाथ को समेंट कर अपने बग़ल में तो कर लो (फिर देखो कि) वह बग़ैर किसी बीमारी के सफे़द चमकता दमकता हुआ निकलेगा ये दूसरा मौजिज़ा है। - लिनुरि-य-क मिन् आयातिनल् कुब्रा
(ये) ताकि हम तुमको अपनी (कु़दरत की) बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखाएँ। - इज़्हब् इला फ़िरऔ़-न इन्नहू तग़ा *
अब तुम फ़िरऔन के पास जाओ उसने बहुत सर उठाया है। - का-ल रब्बिश् रह ली सद्री
मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार (मैं जाता तो हूँ) मगर तू मेरे लिए मेरे सीने को कुशादा फरमा और दिलेर बना।
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