हजरत खालिद बिन वलीद-14
बुजाखा की लड़ाई के बाद, तुलैहा के कुछ अनुयायियों ने की एक जोशीले और आक्रामक महिला नेता उम ज़िमल के पास बनी गटफान में शरण ली।
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बुजाखा की लड़ाई के बाद, तुलैहा के कुछ अनुयायियों ने की एक जोशीले और आक्रामक महिला नेता उम ज़िमल के पास बनी गटफान में शरण ली।
बुजाखा की लड़ाई खत्म होते ही हजरत खालिद (रज़ी अल्लाहू अनहू) ने जंग से भागे हुए बनी फजारा के बागियों का पीछा करने के लिए दो सैन्य दल भेजे।
तुलैहा बनू असद जनजाति से था। ये कबीला मदीना के उत्तर क्षेत्र में रहते थे। तुलैहा ने पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के जीवनकाल के दौरान नबी होने…
हुजूर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के दुनिया से गुजर जाने के बाद हजरत अबु बकर (रज़ी अल्लाहू अनहू) को सर्वसम्मति के साथ मुसलमानो का पहला खलीफा नियुक्त किया गया।
आपने पहले पढ़ा कि 6 हिजरी ज़ु अल-क़ादा के महीने में, मक्का के कुरैश और मदीना के मुस्लिम ने हुदैबियाह की संधि की थी। और जैसा कि पहले कहा गया है, मक्का के…
इस्लाम को मक्का और मदीना तक ही सीमित नहीं रहना था। हुदैबिया की संधि के बाद पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने विभिन्न शासकों और जनजातियों…
हुदैबिया की संधि के बाद इस्लाम और ज्यादा फैलने लगा। लोग और ज्यादा इस्लाम को समझने और कबूल करने लगे। तारीख–ए–तबरी, में लिखा है। सैयदुना इमाम जुहरी कहते हैं…
मदीना में हिजरत के छठे वर्ष में, पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने एक सपना देखा कि उन्होंने, अपने अन्य साथियों के साथ शांति और समृद्धि के साथ…
मदीना की आबादी में एक महत्वपूर्ण हिस्सा यहूदी थे, जिनमें तीन जनजातियाँ शामिल थे बनू क़ैनकाअ, बनू नज़ीर और बनू-क़ुरैज़ा। जब पैगंबर मदीना पहुंचे, तो इन…
बदर की लड़ाई मुसलमानों और उनके दुश्मनों के बीच पहली बड़ी लड़ाई थी। 1,000 काफिरों के हमले के खिलाफ 313 मुसलमानों की एक छोटी सी सेना चट्टान की तरह खड़ी थी।