56 सूरह वाकिया​ हिन्दी में पेज 4

  1. व इन्नहू ल क़समुल लौ तअ’लमूना अज़ीम
    और यक़ीनन अगर तुम जानो तो ये बहुत बड़ी क़सम है
  2. इन्नहू लक़ुर् आनून करीम
    बेशक ये बड़ा ही प्रतिष्ठित क़ुरान है
  3. फ़ी किताबिम् मक्नून
    जो एक महफ़ूज़ किताब में पहले से मौजूद है
  4. ला यमस्सुहू इल्लल मुतह् हरून
    इस को सिर्फ़ वही हाथ लगा सकता है जो खूब पाक साफ़ हो
  5. तन्ज़ीलुम् मिर रब्बिल् आलमीन
    ये तमाम आलम के परवरदिगार की तरफ़ से अवतरित किया गया है
  6. अफा बिहाज़ल् हदीसि अन्तुम मुद् हिनून
    क्या तुम इस वाणी के परवरदिगार का इनकार करते हो?
  7. व तज अलूना रिज्क़कुम अन्नकुम तुकज़्ज़िबून
    और इस के झुटलाने को ही अपना भाग बना रखा है
  8. फलौला इज़ा बलग़तिल हुल्क़ूम
    तो जब जान गले तक आ पहुँचती है
  9. व अन्तुम ही नइज़िन तन्ज़ुरून
    और तुम उस वक़्त (मरने वाले को) देख रहे होते हो
  10. व नहनु अक़रबु इलैहि मिन्कुम वला किल्ला तुब्सिरून
    और हम तुम से ज़्यादा उस से क़रीब हैं हालाँकि तुम नहीं देखते
  11. फ़लौला इन कुन्तुम ग़ैरा मदीनीन
    अगर तुम किसी और के क़ाबू में नहीं हो
  12. तर जिऊनहा इन कुन्तुम सदिकीन
    तो उस जान को वापस नहीं क्यूँ नहीं ले आते अगर तुम सच्चे हो?
  13. फअम्मा इन कान मिनल मुक़र्रबीन
    तो अगर मरने वाला खुदा के समीपवर्तियों में से है
  14. फ़ रौहुव व रैहानुव व जन्नतु नईम
    तो (उस के लिए) आराम ही आराम, ख़ुशबू ही ख़ुशबू और सुख भरी जन्नत है
  15. व अम्मा इन कान मिन अस्हाबिल यमीन
    और अगर वो दाहिनी तरफ़ वालों में से है
  16. फ़ सलामुल लका मिन अस्हाबिल यमीन
    तो उस से कहा जायेगा तेरे लिए सलामती है कि तू दायें तरफ़ वालों में से है
  17. व अम्मा इन कान मिनल मुकज़्ज़िबीनज़ ज़ाल लीन
    और अगर वो झुटलाने वाले गुमराह लोगों में से था
  18. फ नुज़ुलुम् मिन हमीम
    तो खौलते हुए पानी से मेज़बानी होगी
  19. व तस्लियतु जहीम
    और (उसे) नरक में दाख़िल होना होगा
  20. इन्ना हाज़ा लहुवा हक़्क़ुल यक़ीन
    बेशक ये निश्चय सत्य है
  21. फ़ सब्बिह् बिस्मि रब्बिकल अज़ीम
    बस आप अपने रब के नाम की पवित्रता का वर्णन किये जाइए जो बड़ी अजमतों वाला है

सूरह वाकिया वीडियो | Surah Al-Waqiah Video

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